विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिलने से मिर्जापुर समेत पूर्वांचल के जिलों में विकास को नई गति मिलेगी। इससे न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि पर्यटन, ट्रांसपोर्ट और खनन जैसे प्रमुख उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ते हुए क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
कैबिनेट ने दी विंध्य एक्सप्रेसवे को मंजूरी
योगी सरकार ने प्रयागराज में संगम के तट पर आयोजित कैबिनेट बैठक में विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण को स्वीकृति दी। 22,400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह 320 किमी लंबा एक्सप्रेसवे मिर्जापुर और आसपास के जिलों के लिए परिवहन का एक प्रमुख मार्ग बनेगा। यह एक्सप्रेसवे खनन, पीतल और कालीन उद्योग से जुड़े ट्रांसपोर्ट कारोबार को नई ऊंचाई देगा।
बेहतर यातायात व्यवस्था से ट्रांसपोर्ट को लाभ
मिर्जापुर में गंगा के पुलों पर ट्रकों के प्रतिबंध के कारण ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को नुकसान हुआ है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू चौबे के अनुसार, पहले जिले में 5,000 ट्रक संचालित होते थे, लेकिन वर्तमान में यह संख्या घटकर 2,000 रह गई है। एक्सप्रेसवे बनने से यह स्थिति सुधरेगी। बेहतर सड़कों के कारण ट्रकों की आवाजाही में समय और लागत दोनों की बचत होगी।
खनन और उद्योग को नई दिशा
विंध्य एक्सप्रेसवे के जरिए मिर्जापुर से गिट्टी और सोनभद्र की बालू को अन्य राज्यों तक कम समय में पहुंचाया जा सकेगा। इससे खनन उद्योग से जुड़े परिवारों को रोजगार मिलेगा। एक्सप्रेसवे के आसपास ढाबा, पेट्रोल पंप और अन्य सुविधाओं के कारण स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
धार्मिक और पर्यटन उद्योग को लाभ
विंध्यवासिनी मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी के कारण पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या पहले ही बढ़ी है। एक्सप्रेसवे से यात्रियों के लिए यात्रा और भी सुगम हो जाएगी।
सुरक्षित यात्रा और कम लागत का वादा
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ए.के. पांडेय ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर ब्रेकर न होने और सड़क पार करने की अनुमति न होने के कारण दुर्घटनाओं में कमी आएगी। तेज गति से वाहन चलने के कारण ईंधन की बचत होगी और वाहनों की लाइफ बढ़ेगी।
आर्थिक विकास का माध्यम बनेगा एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण परिषद के पूर्व सदस्य विश्वनाथ अग्रवाल ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे मिर्जापुर के पीतल और कालीन उद्योग को प्रोत्साहित करेगा। इससे माल ढुलाई की लागत घटेगी और लाभ में वृद्धि होगी।
विंध्य एक्सप्रेसवे: क्षेत्रीय विकास की धुरी
यह परियोजना न केवल मिर्जापुर, बल्कि पूरे पूर्वांचल के विकास का माध्यम बनेगी। बेहतर कनेक्टिविटी, रोजगार के अवसर और सुरक्षित यातायात व्यवस्था से यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी।