अयोध्या के इनायतनगर थाना क्षेत्र में समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव के रोड शो को लेकर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अनजान सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह केस दायर किया है। शिकायत के मुताबिक, रोड शो में अनुमति से अधिक वाहन शामिल होने और राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने के आरोप लगाए गए हैं।
मिल्कीपुर उपचुनाव प्रचार का हिस्सा था रोड शो
सपा की स्टार प्रचारक डिंपल यादव बृहस्पतिवार को मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद के समर्थन में रोड शो करने पहुंची थीं। यह काफिला कुमारगंज से मिल्कीपुर पेट्रोल पंप तक करीब 9 किलोमीटर तक चला। हालांकि, रोड शो के दौरान वाहनों की संख्या और ध्वनि प्रणाली के इस्तेमाल को लेकर नियमों का उल्लंघन हुआ।
अनुमति से तीन गुना अधिक वाहन, यातायात व्यवस्था हुई ध्वस्त
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, रोड शो के लिए कुल 85 वाहनों (50 दोपहिया, 25 छोटे चार पहिया और 10 एसयूवी) की अनुमति ली गई थी। लेकिन काफिले में करीब 150 दोपहिया, 150 चार पहिया वाहन और कई एसयूवी*शामिल थे। इसके अलावा, स्वीकृति से अधिक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग भी किया गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग 330ए पर सहुलारा तिराहे के पास वाहनों ने दोनों लेन्स को जाम कर दिया, जबकि अनुमति केवल एक ही लेन के लिए थी। इससे यातायात प्रभावित हुआ और चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना का आरोप सामने आया।
पुलिस अधिकारी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
थाना इनायतनगर के उप निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि उनकी तहरीर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 223(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धारा सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और अधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन करने से जुड़ी है। फिलहाल, अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है।
चुनाव आयोग के नियमों की अनदेखी पर सवाल
इस घटना ने चुनावी आचार संहिता के पालन को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने जोर देकर कहा कि राजनीतिक गतिविधियों के दौरान निर्धारित नियमों का पालन करना सभी पक्षों की जिम्मेदारी है। उल्लंघन की स्थिति में कानूनी कार्रवाई अपरिहार्य होगी।
इस मामले में सपा की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे “सत्ता का दुरुपयोग” बताते हुए चुनाव आयोग से सख्त कदम उठाने की मांग की है। यह घटना राजनीतिक प्रचार के दौरान नियमों की अनदेखी और उसके परिणामों को रेखांकित करती है। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए ऐसे उल्लंघनों पर त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।