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AGRA News: 35 सालों से नहीं आया नलों में पानी, लोग बोतल खरीदने के लिए मजबूर…समर्सिबल

आपको ताज्जुब होगा कि, आगरा में ऐसे कई मोहल्ले हैं जहां 35 सालों से नलों में पानी का नामो-निशान नहीं रहा है। ऐसे में लोग प्राइवेट समर्सिबल लगाकर अपने घरों में पानी की पूर्ति कर रहे हैं। वहीं कही मोहल्ले ऐसे हैं जहां पाइपलाइन है, पर पानी नहीं आता। पर, जब दो-तीन दिन बाद पानी आता है तो इतना गंदा कि उससे बर्तन भी न धोया जा सके। जिसके कारण लोगों को बाहर से पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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AGRA News: 35 सालों से नहीं आया नलों में पानी, लोग बोतल खरीदने के लिए मजबूर…समर्सिबल

आपको ताज्जुब होगा कि, आगरा में ऐसे कई मोहल्ले हैं जहां 35 सालों से नलों में पानी का नामो-निशान नहीं रहा है। ऐसे में लोग प्राइवेट समर्सिबल लगाकर अपने घरों में पानी की पूर्ति कर रहे हैं। वहीं कही मोहल्ले ऐसे हैं जहां पाइपलाइन है, पर पानी नहीं आता। पर दो-तीन दिन बाद जब पानी आता है तो इतना गंदा कि उससे बर्तन भी न धोया जा सके। जिसके कारण लोगों को बाहर से पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

समस्या क्या है…

आगरा के वार्ड-83 की स्थिति सबसे दयनीय

आगरा शहर के नगर निगम के तहत 100 वार्ड आते हैं। जिनमें से वॉर्ड-83 के अंतर्गत ऐसे कई मोहल्ले हैं, जहां पिछले 30-35 सालों से नलों में पानी नहीं आ रहा है। लोग पहले सार्वजनिक पानी की टंकियों से पानी भरते थे। फिर पानी की मेन लाइन से अपने पर्सनल कनेक्शन लेना शुरू किया। अब मोहल्लों में लोगों ने साझे के समर सेबल लगवा लिए हैं।

कई बार की जा चुकी है शिकायत

बता दें कि पूर्व पार्षद से लेकर वर्तमान पार्षद तक पानी की समस्या पर जलकल विभाग में कई शिकायत पत्र दिए जा चुके हैं, लेकिन समस्या जस-की-तस है। यहां के पाइप की पाइपलाइन भी तीन बार बदली जा चुकी है। लेकिन पानी आज तक नहीं आया।

पानी तो नहीं पर टैक्स भरने का नोटिस समय पर आता है

क्षेत्रवासियों ने कहा कि जलकल विभाग से टैक्स भरने का नोटिस समय से आ जाता है। लोग बिना पानी का इस्तेमाल किए टैक्स भी भर देते हैं। पर, स्थिति यह हो चुकी है कि कई क्षेत्रों में दो-तीन दिन में एक बार पानी आता है। और, वो भी इतना गंदा कि लोगों को बर्तन धोने तक के लिए पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

यहां लोग पानी के लिए रहे हैं तरश

वॉर्ड 83, पचकुइंया चौराहे से लेकर दिल्ली गेट के रवि हॉस्पिटल तक है। यहां की आबादी लाखों में हैं। इसी वॉर्ड के कंस गेट, ब्राह्मण गली, ठठेरान बस्ती, तालाब मंगलेश्वर, मंसा देवी गली, प्रेमपुरा, गोकुलपुरा क्षेत्रों में पानी की समस्या है।

राजामंडी की मंसा देवी गली में पानी दो-तीन दिन में एक बार आता है तो गोकुलपुरा और कंस गेट में 35 सालों से नलों में पानी ही नहीं आया है। इन क्षेत्रों की आबादी 10 हजार से ज्यादा है। यहां 80 प्रतिशत क्षेत्र में पाइपलाइन डली हुई है जबकि अब भी 20 प्रतिशत क्षेत्र में पाइपलाइन है ही नहीं।

साझे में लगवाए समर्सिबल

एक समर्सिबल का खर्चा एक से डेढ़ लाख रुपए तक आता है। ऐसे में 8 से 10 परिवारों ने मिलकर एक समर्सिबल लगवा लिया है। इस समर्सिबल से उन परिवारों ने अपने घरों में पाइपलाइन खींच ली है। एक गली में 7-8 समर्सिबल लगे हुए हैं। हर समर्सिबल  के बिजली के मीटर गली में लगाए गए हैं। जिनका बिल सभी मिलकर भरते हैं। अब इन मोहल्लों में पानी की पाइपलाइन का खर्च भी बढ़ गया है।

बंद हो गई है सार्वजनिक टंकी

यहां जो सालों पहले सार्वजनिक टंकी थी। जिसको पास के ही कुएं से जोड़ रखा था। कुएं में मोटर लगाई गई थी, जिससे पानी टंकी में भर जाता था। टंकी में चारों तरफ नल थे, जहां से लोग पानी भर लेते थे। पर अब कुएं में भी पानी सूख गया है। इसके पास ही अब एक प्लास्टिक की टंकी विधायक ने लगवा दी है। लेकिन इतने बड़े मोहल्ले में इतनी सी टंकी से पूर्ति होना मुश्किल है।

शिकायत करने पर भी कोई हल नहीं

पूर्व पार्षद राजेश प्रजापति कहते हैं कि कई बार जलकल विभाग के जीएम को लिखित शिकायत दे चुके हैं। वो प्रेशर कम होने की बात करते हैं। पानी की समस्या खत्म नहीं हो रही है। कई गलियां ऐसी हैं, जहां पानी के टैंकर तक नहीं पहुंच सकता है। अब नगर आयुक्त से भी शिकायत की है।

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