मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंबेडकर जयंती के अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 29वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कुलगीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
“मैं आदि और अंत में भारतीय हूं” – सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी पहचान प्रारंभ से अंत तक एक भारतीय के रूप में होनी चाहिए। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के संघर्षों, उपलब्धियों और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि बाबा साहब ने न सिर्फ सामाजिक बंधनों को तोड़ा, बल्कि वंचितों को मताधिकार दिलाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा।
भारत में महिलाओं को इंग्लैंड से पहले मिला मताधिकार
सीएम योगी ने कहा कि भारत में महिलाओं को वोट देने का अधिकार इंग्लैंड से भी पहले मिला, जो बाबा साहब की संवैधानिक दृष्टि का परिणाम है। उन्होंने बताया कि संविधान केवल अधिकार नहीं, बल्कि कर्तव्यों का भी स्मरण कराता है।
“अपने ज्ञान पर संदेह करने से देश गर्त में गया”
सीएम ने कहा कि जब देशवासियों ने अपने ही ज्ञान और परंपरा को कमतर समझना शुरू किया, तो विदेशी विचारधाराएं हावी हो गईं। मैकाले जैसे विदेशी लेखकों की बातों को सच मान लिया गया, जबकि ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसे भारतीय चिंतकों को अनदेखा किया गया।
कुंभ से बदली देश की छवि
उन्होंने बताया कि 2019 के प्रयागराज कुंभ में सफाई और समावेशिता की मिसाल पेश की गई, जिससे दुनियाभर की मानसिकता बदली। “जो लोग पहले कुंभ को अव्यवस्था से जोड़ते थे, वे अब उसकी सराहना करते हैं।”
बिना जाति-धर्म भेदभाव के विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में योजनाओं का लाभ जाति, मत या मजहब देखकर नहीं, बल्कि सबको समान रूप से दिया गया। चाहे वह जनधन योजना हो, उज्ज्वला गैस कनेक्शन, मुफ्त टीकाकरण या पीएम आवास – सभी योजनाओं में समावेशिता को प्राथमिकता दी गई।
ODOP और स्वरोजगार योजनाओं पर विशेष बल
सीएम ने विश्वविद्यालय में ‘ODOP’ प्रोडक्ट्स की शोकेसिंग का सुझाव दिया और बताया कि यूपी सरकार की युवा स्वरोजगार योजना से हजारों युवाओं को बिना ब्याज लोन मिल रहा है। राज्य अब निवेश के क्षेत्र में एक मजबूत गंतव्य बन चुका है।
“नारे नहीं, नीतियों से बनता है भविष्य”
उन्होंने कानपुर और कोलकाता के पुराने औद्योगिक पतन को याद करते हुए कहा कि केवल नारे लगाने से नहीं, बल्कि ठोस नीति और कानून व्यवस्था से ही विकास संभव है।
“2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य”
अंत में सीएम योगी ने सभी से आह्वान किया कि देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हर नागरिक को लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करना होगा। उन्होंने संविधान की 75वीं वर्षगांठ और बाबा साहब के पंचतीर्थ स्थलों के विकास का उल्लेख भी किया।