जीते-जी क्या अपना श्राद्ध किया जा सकता है?

ABHINAV TIWARI

पितृपक्ष की शुरुआत होने वाली है।

इस दौरान बहुत से लोग अपने पूर्वजों को याद करके उनकी मुक्ति की प्रार्थना करते हैं और उनका श्राद्ध करते हैं।

पर, क्या कोई जीते जी स्वयं का श्राद्ध कर सकता है? इस वेब स्टोरी में इसका जवाब जानिए।

जो लोग इस दुनिया को छोड़ कर जा चुके हैं, उनकी आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है।

धर्म शास्त्रों के तहत यदि किसी व्यक्ति  के परिवार में उसका वंश चलाने वाला कोई न बचा हो, तो वह खुद का श्राद्ध कर सकता है।

वहीं यदि किसी व्यक्ति की संतान संस्कारी नहीं है, या फिर वह विदेश में बस चुके हैं या उन्हें श्राद्ध में यकीन नहीं है, तो इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है।

इन चुनिंदा स्थितियों में अगर संबंधित व्यक्ति को लगता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसका श्राद्ध विधि पूर्वक नहीं होगा, तब भी वह खुद का श्राद्ध कर सकता है।

जब कोई अपने जीवनकाल में ही खुद का श्राद्ध करता है, तो उसे आत्म श्राद्ध कहते हैं।

जानकारों के अनुसार, ऐसी स्थिति में स्त्रियां भी अपना श्राद्ध करने या करवाने का अधिकार रखती हैं।

यह पोस्ट धार्मिक भावनाओं और धार्मिक क्रियाकलापों  के आधार पर लिखा गया है "यूपी की बात" न्यूज़ चैनल इस जानकारी की पुष्टि और जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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