भारत में मरीजों के संवैधानिक अधिकार

ABHINAV TIWARI

एक आंकड़े के अनुसार प्रत्येक वर्ष लगभग 24 करोड़ के करीब सर्जरी होती है। बता दें कि सर्जरी में मरीज को बहुत ज्यादा खतरा रहता है। जबकि सर्जिकल केयर करने से 50 फीसद रिस्क कम हो सकता है।

भारत में अधिकारों की रक्षा के लिए चार्टर बनाया गया है जिसे 'चार्टर ऑफ पेटेंट राइट्स' कहते हैं।

भारतीय संविधान की धारा 21 में मरीजों के अधिकारों को प्रोटेक्शन दी गयी है।

मरीजों को इंडियन मेडिकल काउंसिल रेगुलेशन 2002, द कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के अंतर्गत भी भारत में मरीजों को सुरक्षा प्रदान की गई है।

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