HINDU VIVAH: एक ही गोत्र में क्यों नहीं करते हैं शादी
ABHINAV TIWARI
हिंदू धर्म में लड़के और लड़की के गोत्र को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए रिश्ता करने से पहले लड़की और लड़के का गोत्र पूछा जाता है।
एक ही गोत्र में विवाह की मनाही
अगर लड़की और लड़के का गोत्र एक ही है, तो उन दोनों का विवाह हिंदू धर्म के अनुसार नहीं संपन्न हो सकता है। कहने का तात्पर्य बस इतना है कि हिंदू धर्म में एक ही गोत्र में विवाह करना वर्जित है।
आखिर एक ही गोत्र में विवाह क्यों नहीं हो सकता है, जानिए इसके पीछे का कारण
ऋषियों से संबंधित
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गोत्र का संबंध ऋषियों से माना जाता है।
चार गोत्र
प्राचीन काल में मुख्य रूप से चार गोत्र माने जाते थे। फिर बाद में चार गोत्र और शामिल किए गए, जो हैं अत्रि, जन्मदग्रि, अगस्त और विश्वामित्र।
समान पूर्वज
एक गोत्र के अंतर्गत आने वाले सभी महिला और पुरुषों के पूर्वज, कोई एक ऋषि के वंशज माने जाते हैं।
भाई-बहन का रिश्ता
इसलिए समान पूर्वज होने के कारण, एक गोत्र में आने वाले लड़की और लड़के एक-दूसरे के भाई-बहन माने जाते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में समान गोत्र में विवाह वर्जित है।
यह पोस्ट धार्मिक भावनाओं और धार्मिक क्रियाकलापों के आधार पर लिखा गया है "यूपी की बात" न्यूज़ चैनल इस जानकारी की पुष्टि और जिम्मेदारी नहीं लेता है।