शिव और विष्णु ने कैसे लिया हरिहर का अवतार

ABHINAV TIWARI

भगवान शिव और पार्वती के अर्धनारीश्वर अवतार की तरह ही महादेव और भगवान विष्णु का भी एक अवतार है।

महादेव के इस स्वरूप को हरिहर के नाम से जाना जाता है। जिसमें आधा हिस्सा शिव का है और आधा हिस्सा विष्णु का। इस अवतार से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं।

एक कथा के अनुसार भगवान ब्रम्हा और विष्णु ने शिव की स्तुति की, तब भगवान शिव ने उन्हें वरदान देने का वचन दिया।

ब्रम्हादेव ने वरदान मांगा कि भगवान शिव उनके पुत्र बनें। जब ब्रम्हा सृष्टि की रचना में असफल हो गए, तब महादेव ने यह वरदान पूरा किया।

वहीं, विष्णु ने वरदान में शिव जी की भक्ति मांग ली तो महादेव ने प्रसन्न होकर अपना आधा शरीर दे दिया।

इससे हरिहर स्वरूप का जन्म हुआ, जिसमें भगवान शिव के दाहिने भाग में रुद्र के चिन्ह होते हैं, जबकि बाएं भाग में विष्णु का।

भगवान शिव और विष्णु के इस संयोजन का महत्व बहुत गहरा है, क्योंकि ये दोनों देवता अलग-अलग गुणों के लिए पूजे जाते हैं।

शिव संहारक हैं, जबकि विष्णु पालनकर्ता। भगवान का हरिहर स्वरूप बताता है कि संहार और पालन के जरिए ही सृष्टि का चक्र पूरा होता है।

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