कितना पानी बरसा, ऐसे पता चलेगा?

ABHINAV TIWARI

27/06/2024

भारत में बरसात के 4 महीने माने जाते हैं- जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर।

मानसून अच्छा है या नहीं, कितना पानी बरसा, इसका पता लगाने के लिए कुछ यंत्र बनाए गए हैं।

इन यंत्रों में एक कंटेनर जुड़ा रहता है, जिसे बरसात के दौरान खुले में रख देते हैं। बारिश का पानी उसमें जमा होता है।

फिर एक निश्चित समय के बाद उस कंटेनर में जमा पानी की ऊंचाई को मिलीमीटर में नापकर पता लगाया जाता है कि कितना पानी बरसा।

अगर किसी साल 880 मिलीमीटर बारिश होती है, तो उसे 'लॉन्ग पीरियड ऐवरेज (LPA)' यानी सामान्य मानसून कहते हैं।

792 से 978 मिमी के बीच बारिश हो तो उसे भी सामान्य मानसून की कैटिगरी में ही रखा जाता है।

वहीं, 792 मिमी से कम बारिश होने पर उसे सामान्य से कम और 978 मिमी से ज्यादा होने पर सामान्य से ज्यादा बारिश मानते हैं।

880 मिलीमीटर बारिश का यह पैमाना साल 1961 से 2010 के बारिश के डेटा के आधार पर तय किया गया था।

साल 2022 में IMD ने सामान्य बारिश का पैमाना 868 तय कर दिया था, जो 1971 से 2020 के डेटा पर आधारित है।

सैटेलाइट्स की मदद और डेटा के एनालिसिस के जरिए बारिश का सटीक पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है।

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