जिन्हें हॉरर फिल्में पसंद है, उन्हें हॉलीवुड की 'एनाबेल' और 'कॉन्ज्यूरिंग' जैसी डरावनी मूवीज जरूर याद होगी।
ये फिल्में जिस भूतिया गुड़िया पर बनाई गई हैं, उसकी असली कहानी इन फिल्मों से भी ज्यादा डरावनी है।
बात 1970 की है। अमेरिका में 28 साल की नर्सिंग स्टूडेंट डोना के बर्थडे पर उसकी मां ने एक गुड़िया गिफ्ट में दी।
डोना अपनी दोस्त एंजी के साथ एक अपार्टमेंट में रहती थी। इस गुड़िया के आने के बाद उनकी जिंदगी उलट-पलट हो गई।
उनके घर में अजीब सी चीजें होने लगीं। डोना रात में गुड़िया को कुर्सी पर सुलाती, लेकिन रोज सुबह वह दूसरे कमरे में मिलती।
डोना को कई बार गुड़िया पर खून लगा मिला, जैसे वह गुड़िया से ही रिस रहा हो।
उन्हें 'हेल्प मी' जैसे मैसेज लिखे मिलने लगे। जिन्हें देखकर लगता कि किसी छोटे बच्चे ने उन्हें लिखा है।
एक रात उनके घर में सो रहे एक दोस्त का किसी ने गला दबाने की कोशिश की। वह डरकर जागा तो गुड़िया उसके बगल में थी।
डोना, एंजी और उनके दोस्तों पर डॉल ने कई जानलेवा हमले किए। उनके शरीर पर नोचने, खरोंच के निशान बनने लगे।
तब डोना ने पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर वॉरेन्स को इसके बारे में बताया तो रूह कंपा देने वाली हकीकत सामने आई।
जिस अपार्टमेंट में डोना और एंजी रह रही थीं, वहां कई साल पहले खेत था, जिसमें एक 7 साल की बच्ची एनाबेल मृत पाई गई थी।
तबसे एनाबेल की आत्मा वहीं भटक रही थी। जब डोना गुड़िया लेकर आई तो बच्ची की आत्मा को वह पसंद आ गई।
इसी वजह से एनाबेल की आत्मा उस डॉल में रहने लगी। यह भी पता चला कि वह डोना के शरीर पर कब्जा करना चाहती थी।
जब वॉरेन और उनके साथी गुड़िया को ले जाने लगे तो रास्ते में कार के ब्रेक फेल हो गए, कार पलट गई, वे मरते-मरते बचे।
वॉरेन के घर पर भी उस खतरनाक गुड़िया ने तबाही मचाई और उठा-पटक करती रही।
आखिर में वॉरेन ने उस प्रेत बाधित गुड़िया को एक ग्लॉस बॉक्स में बंद कर मंत्रों से बांध दिया और अपने सीक्रेट म्यूजियम में छुपा दिया।
उस गुड़िया को खरीदने के लिए 17 करोड़ रुपए तक की कीमत लगाई जा चुकी है, लेकिन वॉरेन के शिष्य उसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं।
डिस्क्लेमर: "यूपी की बात" न्यूज़ चैनल आत्मा, प्रेतबाधा या ऐसी किसी दावों को न तो बढ़ावा देता है और न ही इसकी पुष्टि करता है। ये विषय पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारियों पर आधारित है।