भगवान का शृंगार सोने के गहनों से क्यों?
ABHINAV TIWARI
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम लला का मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरे विधि विधान से पूर्ण हो गया।
ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि, भगवान के शृंगार में सोने के गहनों का उपयोग क्यों किया जाता है।
तो आपको बता दें कि सनातन धर्म में भगवान के शृंगार के लिए कई चीजें इस्तेमाल की जाती है। जिसमें सोना प्रमुख है।
भगवान को सोने के गहने पहनाने के पीछे कई सांस्कृतिक मान्यताएं मानी गई हैं।
पौराणिक कथाओं में देवी-देवताओं के लिए सोना अति प्रिय माना गया है।
कई ग्रंथों में भगवान को सोने का वस्त्र धारण किया हुआ दर्शाया गया है।
सोना को शुभ और पवित्र भी माना जाता है, जिसकी वजह से धार्मिक कामों में इसका उपयोग किया जाता है।
कहा जाता है कि सोने के गहने की चमक और सौंदर्य के कारण भगवान की मूर्तियों या पूजा स्थल और भी आकर्षित लगते हैं।
कुछ पौराणिक कथाएं या धार्मिक ग्रंथ विशेष गहनों पर केंद्रित होती है जिन्हें भगवान को पहनाना शुभ माना जाता है।
यह पोस्ट धार्मिक भावनाओं
और
धार्मिक क्रियाकलापों के आधार पर लिखा गया है
"यूपी की बात" न्यूज़ चैनल इस
जानकारी की पुष्टि और जिम्मेदारी नहीं
लेता है।
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