मेनहोल के ढक्कन गोल ही क्यों बनाए जाते हैं?
ABHINAV TIWARI
आप दिल्ली शहर में रहते हों और बाहर सड़क पर निकलते हुए आपकी नज़र मेनहोल पर न जाती हो, ऐसा हो नहीं सकता है।
अक्सर ये मेनहोल सड़क के बीचों-बीच चौराहे पर दिखाई दे जाते हैं।
पर क्या आपके दिमाग में कभी ये सवाल आया है कि मेनहोल के ढक्कन गोल ही क्यों बनाए जाते हैं।
आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे, जो शायद ही आपको पता हो।
वास्तव में, मेनहोल का ढक्कन कई गोल चीजों से मिलकर बना होता है।
ढक्कन लगाने के बाद उस जगह का गड्ढा भी वृत्ताकार यानी गोल ही हो जाता है।
गोल ढक्कन लगाने के पीछे एक बड़ा कारण ये भी है कि, गोल ढक्कन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करना बहुत आसान होता है।
आमतौर पर इस ढक्कन का वजन 90 से 130 किलो होता है जिसे आराम से लुड़का कर आराम से ले जाया जा सकता है।
कंक्रीट-आयरन से बनने वाले ये ढक्कन आसानी से मेनहोल के गड्ढे पर फिट भी हो जाते हैं।
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