मायावती ने राजनीति में आने से पहले पिता का घर क्यों छोड़ा?

ABHINAV TIWARI

यूपी की पूर्व में रही सीएम मायावती किसी समय प्रधानमंत्री पद की दावेदार मानी जाती थी।

लेकिन मायावती की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया, जब उन्हें अपने पिता प्रभुदयाल से बगावत कर घर छोड़ना पड़ा।

बात उस समय की है जब वह UPSC की तैयारी छोड़ कांशीराम के आंदोलन से जुड़ चुकी थीं।

मायावती कांशीराम के साथ बामसेफ के कार्यक्रमों में शिरकत करने लगी, लेकिन उनके पिता इसके सख्त खिलाफ थे।

मायावती के पिता का कहना था कि अगर राजनीति ही करनी है तो कांग्रेस जैसी किसी पार्टी में जाकर करो।

पर पिता की सलाह को नजरअंदाज कर मायावती हर छोटा-बड़ा फैसला कांशीराम से पूछकर लेने लगीं।

एक दिन पिता-बेटी में बहस हो गई। मायावती के पिता ने उन्हें घर से निकालने की धमकी दे दी।

उसी दिन बिना कुछ कहे मायावती ने अपनी सैलरी से बचाए पैसे और कुछ कपड़े बैग में रख लिए और घर से निकल गईं।

उस दिन कांशीराम शहर में नहीं थे। मायावती को समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं।

मायावती करोलबाग में बामसेफ के दफ्तर चली गईं। कांशीराम लौटकर आए, तो उन्हें इस घटना के बारे में पता चला।

कांशीराम ने उन्हें वापस बामसेफ के दफ्तर अपने पास बुला लिया।

कांशीराम ने कहा कि वह एक कमरे में किराए पर रहते हैं, लेकिन उनका अधिकतर समय बाहर ही व्यतीत होता है।

ऐसे में कांशीराम ने अपने कमरे की चाबी मायावती को दे दी। मायावती वहीं रहने लगी।

वहीं पिता से इस बगावत के बाद मायावती ने कांशीराम के साथ अपने राजनीतिक करियर को बुलंदियों पर पहुंचा दिया।

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