पूजा के बाद हाथ में क्यों बांधा जाता है कलावा?

कलावे की धार्मिक मान्यता

हिंदू मान्यता के मुताबिक पूजा के बाद कलावे को बांधना बेहद जरूरी है। मान्यता है कि यह धागा हमारी रक्षा करता है। 

कलावे की पौराणिक कथा

इंद्र देवता ने शत्रुओं से विजय पाने के लिए कलावा बांधा था जिसके बाद उनको युद्ध में शत्रुओं से विजय प्राप्त हुई थी।

कलावा बांधने का महत्व

कहा जाता है कि कलावा बांधने से दैवीय शक्ति मिलती है और साथ ही यह धागा कलाई की नसों में ऊर्जा फैलाता है।

यह भी है फायदा

ऐसी भी मान्यता है कि कलावा बांधने से भगवान का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही यह शरीर और दिमाग के लिए भी अच्छा होता है।

किस हाथ में बांध सकते हैं कलावा

पुरुषों को कलावा दाहिने यानी सीधे हाथ में बांधना चाहिए, तो वहीं महिलाओं को अपने बाएं हाथ या उल्टे हाथ पर कलावा बांधना चाहिए।

कलावे के वैज्ञानिक लाभ

कलावा बांधने से शरीर के तीनों दोष- वात, पित्त और कफ की समस्या कम हो जाती है। इसके साथ ही यह धागा शरीर को कई बिमारियों से बचाता है।

इस रंग का धागा पहने

वैसे तो कई तरह के धागे कलाई पर बांधे जाते हैं लेकिन ज्यातिष के अनुसार लाल रंग का धागा बांधना सबसे शुभ माना जाता है।

यह पोस्ट धार्मिक भावनाओं और धार्मिक क्रियाकलापों  के आधार पर लिखा गया है "यूपी की बात" न्यूज़ चैनल इस जानकारी की पुष्टि और जिम्मेदारी नहीं लेता है। 

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