खाने में तड़के की जरूरत क्यों हैं?

ABHINAV TIWARI

बिना छौंक लगाए खाने में स्वाद नहीं आता है। तड़के की खुशबू सिर्फ स्वाद और भूख को ही नहीं बढ़ाती, बल्कि ये आपके भोजन को सेहतमंद भी बना देती है।

आर्युवेद में भी छौंक के कई फायदे बताए गए हैं। तड़का लगाने के लिए देश के हर हिस्से में विभिन्न प्रकार के मसालों को प्रयोग किया जाता है।

इनमें से कई मसाले ऐसे भी हैं, जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी और दिल की बीमारियों से लेकर पथरी और कैंसर तक से बच सकते हैं।

लहसुन, प्याज, मिर्च के साथ ही हल्दी , धनिया, अदरक, हींग और जीरा से लेकर काली मिर्च, कलौंजी तक से तड़का लगाया जाता है।

तड़के में इस्तेमाल होने वाले ये मसाले एंटीऑक्सीडेंट्स और ढेरों पोषक तत्वों से लैस होते हैं।

इसी वजह से तड़का लगा भोजन इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है। कोलेस्ट्ऱॉल लेवल कंट्रोल में रहता है।

हाई बीपी के मरीज के लिए लहसुन का तड़का फायदेमंद है, जबकि लो बीपी के मरीजों को लौंग के तड़के का इस्तेमाल करना चाहिए।

हाइपरटेंशन के मरीज को तड़का लगाते वक्त सिर्फ जीरे का ही प्रयोग करना चाहिए।

अर्थराइटिस की समस्या है तो तड़के में मेथी, अजवाइन का इस्तेमाल करें। शुगर के मरीज को काली मिर्च, कलौंजी मसालों के तड़के वाला भोजन सेवन करना चाहिए।

इसलिए अपनी जरूरत के हिसाब से तड़के के मसाले चुनें। इससे आपका पेट और सेहत दोनों दुरुस्त रहेंगे।

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