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Noida News: ग्रेटर नोएडा में बनेगा वेस्ट यूपी का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन, 12 प्लेटफॉर्म और 100 ट्रेनों की सुविधा

गौतमबुद्ध नगर में ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल के नाम से वेस्ट यूपी का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन विकसित किया जाएगा। 12 प्लेटफॉर्म, 100 ट्रेनें, मेट्रो और ISBT की कनेक्टिविटी सहित मल्टीमॉडल हब के रूप में होगा निर्माण।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
Noida News: ग्रेटर नोएडा में बनेगा वेस्ट यूपी का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन, 12 प्लेटफॉर्म और 100 ट्रेनों की सुविधा

गौतमबुद्ध नगर में रेलवे का सबसे बड़ा और आधुनिक टर्मिनल बनने जा रहा है, जिसका नाम ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल होगा। यह टर्मिनल वेस्ट यूपी का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन होगा और इसे मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) के रूप में विकसित किया जाएगा। इस स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस समेत प्रतिदिन 100 ट्रेनें संचालित की जाएंगी।

12 प्लेटफॉर्म और 63 यार्ड लाइनें होंगी स्टेशन में

इस मेगा टर्मिनल को 46 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा और यह 176 हेक्टेयर के कुल MMTH परियोजना का मुख्य हिस्सा होगा। यहां कुल 12 प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे और कोच की देखरेख के लिए 63 यार्ड लाइनें होंगी। स्टेशन का डिज़ाइन बहुस्तरीय होगा — ज़मीन तल पर ट्रेन संचालन और ऊपर की मंजिलों पर रिटेल, ऑफिस, और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं होंगी।

DMIC परियोजना के तहत होगा निर्माण, लागत हुई दोगुनी

यह परियोजना दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) की शुरुआती योजनाओं में से एक है। शुरू में इसकी लागत ₹1,850 करोड़ निर्धारित की गई थी, लेकिन अब यह लागत लगभग दोगुनी हो गई है। स्टेशन का कुल निर्मित क्षेत्र (बिल्ट-अप एरिया) 70,000 वर्ग मीटर होगा।

तेजी से होगा जमीन अधिग्रहण, दो महीने में पूरी प्रक्रिया

दिसंबर 2024 में इस परियोजना को विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया। अधिकारियों के अनुसार, रेलवे अधिनियम के तहत अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की जाएगी। कुल 176 हेक्टेयर में से केवल रेलवे की ज़मीन का अधिग्रहण बाकी है, बाकी ज़्यादातर भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है।

रेलवे करेगा निगरानी, एसपीवी वहन करेगा लागत

इस परियोजना के मास्टर प्लान को DMIC और IITGNL मिलकर तैयार कर रहे हैं। योजना को अंतिम रूप देकर राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। परियोजना के निर्माण की देखरेख भारतीय रेलवे करेगा, जबकि वित्तीय लागत विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) वहन करेगा। इसके अंतर्गत कोच यार्ड, एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट), और डब्ल्यूटीपी (जल उपचार संयंत्र) भी बनाए जाएंगे।

ISBT और आनंद विहार स्टेशन का भार होगा कम

पूरे हब को दो ज़ोन में विभाजित किया जाएगा:

  • जोन-1: 130 हेक्टेयर में ISBT, मेट्रो स्टेशन, लोकल बस टर्मिनल और व्यावसायिक क्षेत्र होंगे।
  • जोन-2: 46 हेक्टेयर में रेलवे टर्मिनल और उसके साथ जुड़े व्यवसायिक निर्माण होंगे।

अधिकारियों के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल भविष्य का ट्रांजिट गेटवे बनेगा और आनंद विहार रेलवे स्टेशन व ISBT जैसे मौजूदा केंद्रों पर भीड़ कम करने में मदद करेगा।

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