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Lok Sabha Election 2024: समय आएगा तो जनता सब कुछ बता देगी 

Lok Sabha Election 2024 : पश्चिमी उप्र की अमरोहा, नगीना, बिजनौर जैसी कई सीटों पर दलित मतदाता निर्णायक स्थिति में है। 2019 के चुनाव में बीजेपी से 17 आरक्षित सीटों में से 15 पर जीत हासिल की थी। उप्र में करीब 21 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता है। यही वजह है कि बीजेपी, BSP और इंडिया गठबंधन उनको अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं.

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Lok Sabha Election 2024: समय आएगा तो जनता सब कुछ बता देगी 

नई दिल्ली : उत्तर -प्रदेश सहित देश के अन्य भागों में हो रहे संसदीय चुनावों के मद्देनजर

यहाँ के आम मतदाताओं का रुझान किस प्रकार का है। उनका मूड किस प्रकार का है और खासकर दलित वर्ग जिनकी बड़ी आबादी देश के इस सबसे बड़े प्रदेश में रहती है। इस बाबत जब समाज के विभिन्न तबकों से रूबरू हुए और यह जानने की कोशिश की गयी और इन लोगों में प्रधान , पूर्व प्रधान सभी शामिल रहे और जो समाज के निम्न तबके से जुड़े थे। इस बाबत उनसे उनकी समस्याओं को लेकर भी बातचीत की गयी और उनके मनों को टटोला गया। वे किस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जब उनसे इस बात की पड़ताल की गयी कि वो उसी पार्टी को अपना बहुमूल्य मत देंगे जो समाज के सभी वर्गों के लोगों को एक नजरिये से देखे।

वे किस पार्टी को वोट देंगे —- इस बाबत लोगों की नब्ज टटोली गयी

जब लोगों से यह पूछा गया कि बहुजन समाजवादी पार्टी जिसे वे परंपरा के अनुसार और कई वर्षों से वोट देते आ रहे हैं और इस बार वे किसे वोट देने जा रहे हैं इस पर एक राय उभर कर आयी कि वोटर्स के मूड को परखना बड़ा कठिन है क्योंकि अंतिम मत डालते -डालते उनका मूड बदलता रहता है और वोट डालने से पहले और बाद तक उनके मूड को जानना और एक राय बनने की बात कोई चुनाव विशेषज्ञ ( सेफोलॉजिस्ट) भी नहीं बता सकता। वहीं ,लोगों का यह भी कहना है कि वर्तमान सरकार के दौर में गांव -गांव में काम हुए पर आगामी चुनाव में किस दल के सर जीत का सेहरा बंधेगा , इस बाबत लोगों का यह भी कहना है कि समय आएगा तो जनता सब कुछ बता देगी। जब उनसे यह पूछा गया कि उनकी कोई समस्या ऐसी भी रही होगी जिसे तब की सरकार ने हल नहीं किया तो उन्होंने कुछ भी प्रतिक्रिया देने से मुकर गए।

बहनजी के प्रति अब भी उन्हें सम्मान

बसपा सुप्रीमो व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायवती के प्रति अपना सम्मान दर्शाते हुए लोगों का कहना है कि उनके दिल में बहनजी को लिए बड़ी जगह है और वे आगे भी इसे बरक़रार रखेंगे। अपने समाज की दोहरी मानसिकता का हवाला देते हुए उन्होंने तंज कसा कि उनका समाज देता तो बहुत है पर बदले में कुछ लेता नहीं। वहीं , दलित समाज को लेकर उन्होंने यह भी कहने से गुरेज नहीं किया कि आज दलित लाइन में अंतिम पायदान पर खड़ा मिलता है। मायावती के प्रशंसा के पुल बांधते हुए उन्होंने कहा कि आज उनके प्रयास से पंक्ति में अन्तिम पर खडा व्यक्ति आगे पाया है और सम्मान का हकदार बना है।

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