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Lucknow NEWS: सीएम योगी ने नए अटल आवासीय विद्यालय के नए सत्र शुभारंभ करते हुए कहा, ‘बांटने का एजेंडा चलाने वाले…’

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अटल आवासीय विद्यालय के नए शैक्षिक सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि ‘बांटने का एजेंडा चलाने वाले लोग गरीबों की शिक्षा जरुरत को नहीं समझेंगे’। बता दें कि यह विद्यालय मोहनलालगंज के सिठौली कला गांव में बनाया गया है।

योगी ने नए सत्र का उद्घाटन करने से पहले परिसर के छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी को देखा और एक छात्रा के बुकलेट पर अपने हस्ताक्षर भी किए। इसी के साथ सीएम योगी ने सभी 18 मंडलों में एक साथ शैक्षणिक सत्र 2024-25 का शुभारंभ भी किया है।

सीएम योगी ने मेधावी छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए

अटल आवासीय विद्यालय के शुभारंभ के इस अवसर पर सीएम योगी इन विद्यालयों के मेधावी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किए। नए प्रवेश लेने वाले छात्रों को स्कूल बैग वितरित किए। कॉपी-कलम सहित कई तरह के गिफ्ट बच्चों को बांटे गए। सीएम योगी स्कूल के छात्रों की प्रदर्शनी देखी और प्रतिभा की तारीफ की।

प्रदेश के 18 मंडलों में हुई शुरुआत: CM योगी

उद्घाटन के बाद सीएम योगी ने कहा कि ‘प्रदेश के 18 मंडलीय मुख्यालयों में अटल आवासीय विद्यालयों को संचालित किया जा रहा है। इसमें मेरठ, मिर्जापुर, वाराणसी, गोरखपुर, बांदा, आजमगढ़ सहित 18 मंडल शामिल हैं।’

आगे सीएम योगी ने कहा कि, ‘व्यक्ति हो या समाज, बिना शिक्षा के सशक्त परिवार, राज्य या राष्ट्र की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती। जब समाज शिक्षित होगा। समाज के हर तबके के बच्चे को उसकी जाति, धर्म पूछे बिना उसका अधिकार मिलेगा, तब हम सही मायने में सशक्त होंगे।’

‘यह अटल आवासीय विद्यालय शिक्षा के मॉडल के रुप में आपके सामने पेश किया गया है। मैंने क्लासरूम में बच्चों के साथ इंटरेक्शन किया था। इनकी क्या प्रतिभा है। प्रतिभा कोई जाति या धर्म नहीं देखती।’

बिना नाम लिए राहुल-अखिलेश पर हमला

सीएम योगी ने कहा कि-‘ जाति के नाम पर लड़ाने वाले, सामाजिक न्याय के नाम पर समाज में सामाजिक वैमनस्यता पैदा करके, देश के दुश्मनों को प्रोत्साहित करने वाले लोग, गरीबी के दंश को क्या समझ पाएंगे’।

‘जिन्होंने शोषण किया, अराजकता फैलाई, जिन्होंने गरीबी नहीं देखी, उनसे ये उम्मीद करना कि वे आपकी पीड़ा समझेंगे, आपकी बड़ी भूल होगी…इनके पास पीड़ा समझने की फुर्सत नही है, क्योंकि इनके अलग एजेंडे हैं। राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज को बांटना ही इनका एकमात्र ध्येय है।’

आगे योगी ने कहा कि, ‘गरीब अशिक्षित रहेगा तो, इनकी वैमनस्यता चलती रहेगी। सरकारें पहले भी थीं, लेकिन श्रमिकों, गरीबों के लिए कार्य क्यों नहीं हो पाया? जाति की राजनीति करने वाले लोगों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा।’

बच्चे देश का भविष्य: ब्रजेश पाठक

कार्यक्रम की शुरुआत में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि बच्चे जो आज बैठे हैं, ये कल के भविष्य हैं। जो बच्चे यहां से निकलेंगे वो पूरे देश-विदेश के एग्जाम को क्रैक कर लेंगे। 2017 से पहले यूपी का हाल जाति धर्म में बंटवारा होता था, बहन-बेटी के साथ गलत होता था।

अब यूपी बदल गया है। जो काम मैं बचपन में नही कर पाया, जो का मुख्यमंत्री जी नहीं कर पाए, वो हम बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर करेंगे। वर्ल्ड क्लास एजुकेशन अब गरीब बच्चों को भी मिलेगी। इस स्कूल के माध्यम से सबका विकास होगा।

24 जनवरी 2020 को किया था शिलान्यास

अटल आवासीय विद्यालय योजना उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) बोर्ड द्वारा संचालित की जा रही है। इसका शिलान्यास सीएम योगी द्वारा 24 जनवरी 2020 को किया गया था। इसके अंतर्गत प्रदेश में मंडल स्तर पर निशुल्क आवासीय सुविधाओं से युक्त विद्यालयों का निर्माण कराया गया है। प्रत्येक अटल आवासीय विद्यालय 12 से 15 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित है। प्रदेश में स्थापित समस्त अटल आवासीय विद्यालयों की कुल निर्माण लागत 1267 करोड़ है।

योजना के तहत पात्र छात्रों को विद्यालयों में निशुल्क शैक्षणिक एवं आवासीय सुविधाओं से युक्त स्वच्छ प्रांगण उपलब्ध कराया गया है। उत्तम पौष्टिक आहार की व्यवस्था की गई है। वहीं खेलकूद की समुचित व्यवस्था के साथ ही आधुनिक उपकरणों से युक्त साइंस लैब, स्मार्ट क्लासेस और छात्र-छात्राओं के लिए परिसर में प्रशिक्षित स्टाफ सहित चिकित्सीय सुविधाएं दी जा रही हैं।

6480 छात्रों के लिए संचालित की जाएंगी कक्षाएं

अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया मंडल स्तरीय अनुश्रवण समिति के माध्यम से पूर्ण की गई है। इससे पहले 11 सितंबर 2023 को पहले शैक्षिक सत्र का शुभारंभ हुआ था। इन विद्यालयों को योगी सरकार ने 1000 बच्चों की आवासीय क्षमता से लैस करते हुए निर्मित कराया है।

उल्लेखनीय है कि अटल आवासीय विद्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों, कोविड-19 में अनाथ हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवायोजना से आच्छादित अनाथ बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की गई है।

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