भारतीय जनता पार्टी गठबन्धन को इस बार 200 के आंकड़े को भी नहीं पहुँचने देंगे ,पूछा ब्रजभूषण के बेटे को टिकट देना क्या परिवारवाद नहीं
नयी दिल्ली : मैनपुरी की सडकों पर कम्पैग्न कर रही डिंपल काफी उत्साह में दिखती हैं। मुलायम परिवार की बहू व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बड़ी बेबाकी से कहती हैं कि वो साल था सन 2022 जब मैं कार में नहीं बल्कि पैदल ही चला करती थीं। प्रचार कार्य करती हुईं वो महिलाओं को गले लगाती थीं। ये भी कहने से गुरेज नहीं किया कि डाइनिंग टेबल पर राजनीति की बातें नहीं की जाती ये भी कहने से गुरेज नहीं किया कि डाइनिंग टेबल पर राजनीति की बातें नहीं की जाती आज अपनी पार्टी सपा के लिए इस नवाबी शहर में जोर -शोर से प्रचार कर रहीं डिंपल बड़े उत्साह से जब यह लोगों से कहती हैं कि उनकी पार्टी यानी सपा जो इंडिया गठबंधन का एक प्रमुख घटक दल है तो उनकी बातों को बड़े गौर से सुना जाता है। पार्टी के लिए प्रचार करती हुईं डिंपल ने लोगों को इस बात की याद दिलाई कि बीजेपी ने जब -जब सरकार बनाया तब -तब उसने परिवारवाद का ही तो सहारा लिया है।
कैसरगंज से बीजेपी की तरफ से जब पूर्व महिला कोच रहे ब्रजभूषण सिंह को कैसरगंज में उतारा गया तो समाजवादी पार्टी खासकर डिंपल यादव ने इसके खिलाफ जोर -शोर से आंदोलन व प्रदर्शन किया तो बीजेपी ने वहां से ब्रजभूषण के बेटे करणभूषण सिंह को उतार दिया।
आपराधिक प्रवृत्ति के करणभूषन सिंह पर बिना इजाजत एक रैली निकालने का आरोप भी
कहा जाता है कि करण भूषण सिंह ने हाल ही में बगैर प्रशासनिक इजाजत शहर में बड़े तामझाम के बीच एक रैली निकाली जिस दौरान पटाखे भी काफी छोड़े गए। इस मौके पर जुटी उन्मादी काफिले ने काफी हंगामा भी किया। नगर जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने हालांकि मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
मंगलसूत्र वाले प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर डिंपल ने क्या कहा जानते हैं
लोगों से बात करती हुईं डिंपल ने कहा कि प्रधानमंत्रीं के इस तरह के बयान दर्शाते हैं कि भारतीय राजनीति किस हद तक गिर चुकी है। देश में किस निचले स्तर की राजनीति वर्तमान दौर में की जा रही है ?इंडिया गठबंधन का प्रधानमंत्री कैंडिडेट किस प्रकार का होना चाहिए
इस सवाल के जबाब में डिंपल ने कहा कि वो वाकई एजुकेटेड व्यक्ति होना चाहिए जो परिस्थितियों को समझ -बूझ कर पॉलिसीस को सही ढंग से एक्सक्यूट कर सकें। वहीं , भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उनका जबाब था कि अगर पार्टी की नीतियां सही होतीं तो लोगों की जीवनशैली में सुधार अवश्य होता और न ही महंगाई इस कदर सर चढ़कर बोलती।