उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रही है। कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित, सुलभ और आधुनिक आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश में 15 श्रमजीवी महिला छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2024-25 के भीतर इन छात्रावासों का कार्य पूर्ण कर महिलाओं को इसका लाभ उपलब्ध कराया जाए।
महिला कल्याण विभाग के नेतृत्व में ‘श्रमजीवी महिला छात्रावास’ योजना को भारत सरकार के SASCI कार्यक्रम के तहत लागू किया गया है। इसके तहत लखनऊ, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में कुल आठ अत्याधुनिक छात्रावास बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक छात्रावास में 500 महिलाओं के रहने की व्यवस्था होगी। इन भवनों में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। सुविधाओं में CCTV निगरानी, सुरक्षा गार्ड, अग्निशमन यंत्र, शिशु सदन (क्रेच), जिम सेंटर, ऑडिटोरियम, लॉन्ड्री, पार्किंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा, कैंटीन और डिपार्टमेंटल स्टोर जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। मिशन शक्ति गाइडलाइन के अनुसार वार्डेन और अन्य आवश्यक स्टाफ की भी तैनाती की जाएगी।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी तरफ से भी ‘मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना’ शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी और आगरा में भी 500-500 क्षमता वाले सात छात्रावास बनाए जाएंगे। इसके लिए 170 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। छात्रावासों के लिए भूमि का आवंटन मात्र 1 रुपये वार्षिक लीज पर पहले ही पूरा कर लिया गया है।
सरकार की यह पहल न केवल महिलाओं को सुरक्षित आवास उपलब्ध कराएगी, बल्कि उनके बच्चों की देखभाल और संपूर्ण जीवनशैली को भी बेहतर बनाएगी। कामकाजी महिलाओं को अब रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आवास की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि मिशन शक्ति की गाइडलाइंस का पालन करते हुए छात्रावासों का संचालन किया जाएगा ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में और आगे बढ़ने का अवसर मिले।