मथुरा के वृंदावन में यमुना का रौद्र रूप वहां के आम लोगों को डरा रहा है। यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान के नजदीक पहुंच रहा है। ऐसे में प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग को बंद कर दिया है।
बता दें कि मथुरा जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी के जलस्तर में इजाफा देखने को मिल रहा है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर 163.3 मीटर पर पहुंच चुका है। हालांकि, यह अभी खतरे के निशान 166 मीटर से करीब तीन मीटर की दूरी पर है लेकिन निचले इलाके, खादर में बनी अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी है। वहीं पानी के कारण परिक्रमा मार्ग में निधि वन की ओर डायवर्जन किया गया है।
एक्सईन सिंचाई सतीश चंद शर्मा के मुताबिक लगातार बारिश होने के कारण यमुना के जलस्तर में और ज्यादा इजाफा देखने को मिलेगा। निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया है। तटवर्ती इलाकों में भी नजर रखी जा रही है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। फिलहाल बाढ़ या खतरे जैसी कोई बात नहीं है। गोकुल बैराज से नदी का रूप देखने के लिए लोगों की भीड़ यहां पहुंच रही है। इससे ब्रजवासियों एवं देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे हैं। शाम के समय यमुना के घाटों पर लोग यमुना दर्शन एवं आरती के लिए उमड़ने लगे हैं।
वहीं लगातार यमुना के जलस्तर में वृद्धि होने से निचले इलाके जिसमें, खादर में बनी अवैध कॉलोनियों में जलभराव जैसी स्थिति भी शुरू हो गई है। साथ ही केसीघाट, आरती घाट की 5 से 6 सीढ़ियों सहित भ्रमर घाट के निकट परिक्रमा मार्ग पूरी तरह से यमुना के पानी में जलमग्न हो चुका है। वहीं बाड़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन द्वारा परिक्रमा मार्ग को बंद करके, निधिवन की ओर डायवर्ट कर दिया गया है। वहीं निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि यमुना के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रशासन को जल्द उनके लिए कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।