यूपी के नोएडा से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। भू-माफिया यशपाल तोमर की प्लानिंग जानकर हर कोई दंग रह गया है। माफिया और उसके मददगार ऑफिसर के साथ ही कारोबारियों ने नोएडा के दादरी के खंडेरा गांव में बड़े जमीन घोटाले के फिराक में था। इस माफिया ने दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के बड़े कारोबारियों के नाम पर सैकड़ों बीघा जमीन के रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करवा लिए थे। लेकिन चिटहेरा में पहले ही घोटाला सामने आया था। जिसके बाद यहां की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई थी।
आपको बता दें कि खंडेरा गांव के 70 एग्रीमेंट में से 8 एग्रीमंट उत्तराखंड में सीएम के सचिव आईएएस आर. मीनाक्षी सुंदरम के ससुर एम. भाष्करन के नाम हैं। मामले में नोएडा पुलिस ने इनके विरुद्ध प्रार्थमिकी दर्ज कर चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। लेकिन बाद में अनुपूरक चार्जशीट इनका नाम बाहर कर दिया गया। इनके अलावा खंडेरा में हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले अश्विनी कुमार भाखरी के नाम 6 अग्रीमेंट हैं। अश्विनी भी उत्तराखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी राजीव स्वरूप के ससुर हैं।
खंडेरा का मामला सामने आने से पहले चिटहेरा में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। चिरहेटा मामले में राजीव की मां सरस्वती देवी के खिलाफ एफआईआर किया गया था। लेकिन अनुपूरक चार्जशीट में उन्हें भी क्लीनचिट दे दी गई। खंडेरा मामले में पंजाब कैडर के आईपीएस के बेटे के नाम भी एग्रीमेंट है। इन अफसरों की तैनाती के दौरान पंजाब जीआरपी में चिटहेरा के किसानों पर बलात्कार और जालसाजी के मुकदमे दर्ज किए गए थे। इस मामले के बाद इनके बेटे के नाम चिटहेरा में जमीन की रजिस्ट्री हुई, नोएडा पुलिस ने जांच में आईपीएस का जिक्र नहीं किया गया है।
आपको बता दें कि खंडेरा में गाजियाबाद निवासी दो बिजनेसमैन ब्रदर्स सचिन और विकास शर्मा के नाम भी 10 एग्रीमेंट हुए। इनके पिता तहसीलदार रहे हैं। इतना ही नहीं चिटहेरा में भी दोनों भाइयों ने जमीनें खरीदी थीं। इस मामले में भी नोएडा पुलिस ने जांच नहीं की। समाजवादी पार्टी की सरकार में यूपी के मुख्य सचिव रहे आईएएस के करीबी गिरीश वर्मा के खंडेरा में दो एग्रीमेंट हुए। अंबेडकरनगर के अकबरपुर निवासी गिरीश चिटहेरा मामले में भी आरोपित है।
आपको बता दें कि खंडेरा में हुए मामले में यशपाल और उसके करीबी ऑफिसरों के शामिल होने के दावों की सबसे अहम कड़ी यशपाल का करीबी मालू है। यहां आर्यनवीर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी एग्रीमेंट हुए हैं। बाकी जिन लोगों के नाम जमीनों के एग्रीमेंट हुए, उनकी रजिस्टर्ड डीड में मालू का मोबाइल नंबर ही दर्ज है।