यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने मथुरा और आगरा क्षेत्र में प्रस्तावित न्यू आगरा अर्बन सेंटर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को अंतिम रूप दे दिया है। यह परियोजना 9000 हेक्टेयर में फैली एक ग्रीनफील्ड टाउनशिप होगी, जिसमें 14.6 लाख से अधिक लोगों के लिए आवासीय सुविधा और करीब 8.5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है।
YEIDA द्वारा तैयार की गई DPR के अनुसार, यह टाउनशिप चंडीगढ़ मॉडल से प्रेरित होगी, जिसमें हरित विकास, पैदल लेन और पर्यावरणीय संतुलन को प्रमुखता दी जाएगी। इसमें कुल क्षेत्र का 28% यानी लगभग 2,501 हेक्टेयर आवासीय विकास के लिए प्रस्तावित किया गया है। यह आवासीय क्षेत्र आधुनिक शहरी जीवनशैली, सुरक्षित आवास और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर से युक्त होगा।
कुल भूमि का 20% यानी लगभग 1,813 हेक्टेयर औद्योगिक विकास के लिए निर्धारित किया गया है। इस क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग, आईटी/आईटीईएस, साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, क्लस्टर उद्योग आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। टाउनशिप का यह भाग आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
DPR में यह स्पष्ट किया गया है कि यह टाउनशिप ताज ट्रैपेजियम ज़ोन (TTZ) के अंतर्गत आने के कारण केवल ‘वाइट एंड ग्रीन कैटेगरी’ के उद्योगों को ही अनुमति दी जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य ताजमहल जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के आसपास के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना और प्रदूषण को न्यूनतम रखना है।
इस परियोजना में पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए 640 हेक्टेयर भूमि का प्रावधान किया गया है। इसमें थीम पार्क, होटल, कन्वेंशन सेंटर, रिटेल मार्केट और सांस्कृतिक स्थल विकसित किए जाएंगे। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेश को भी आकर्षित किया जा सकेगा।
DPR में 447 हेक्टेयर भूमि को मिक्स्ड यूज़ के लिए आरक्षित किया गया है, जहां आवासीय, वाणिज्यिक और मनोरंजक सुविधाएं एक साथ होंगी। इससे आवाजाही में कमी और पैदल चलने को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, 340 हेक्टेयर में कमर्शियल ज़ोन विकसित किया जाएगा, जिसमें कार्यालय परिसर, रिटेल कॉम्प्लेक्स और बिजनेस हब होंगे।
DPR के अनुसार, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक ढांचे के विकास हेतु 330 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित है। यहां पर स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अस्पताल, क्लिनिक और प्रशासनिक भवन स्थापित किए जाएंगे, ताकि शहरी जनसंख्या की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
इस स्मार्ट टाउनशिप में पर्यावरण की सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता दी गई है। DPR के मुताबिक:
ऐसे में यह सुनिश्चित करेगा कि शहरीकरण के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित संरक्षण भी बना रहे।