बस्तीः जनपद में खरीफ फसलों की बुवाई के पीक सीजन में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जबकि जनपद की 11 समितियों ने कागजों में निर्धारित लक्ष्य से 531 प्रतिशत अधिक उर्वरक का वितरण कर दिया। जिसका संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने कृषि विभाग को जांच का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि जिले में वर्षा की मिली-जुली स्थिति बनी हुई है। बरसात के बाद धान की फसलों में डालने के लिए यूरिया की मांग में तेजी आई है। इस पीक सीजन में समितियों से यूरिया न मिलने से हाहाकार मच गया है। इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व स्टॉक से 33 प्रतिशत यूरिया और निकलना पड़ गया। तब जाकर स्थिति में कुछ सुधार आया है। जबकि जिले में 11 समितियों ने कागजों में निर्धारित लक्ष्य से 531 प्रतिशत उर्वरक खपा दी, बावजूद इसके खाद की किल्लत बनी हुई है। गौरतलब है कि एक समिति को एक वित्तीय वर्ष में 87 एमटी उर्वरक की बिक्री ही कर सकती है। जिले में 11 समितियों ने लक्ष्य का कई सौ गुना ज्यादा उर्वरक का वितरण कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि इतना उर्वरक कहा से आया और कहा गया? इसके बारे में जिम्मेदार कुछ भी बताने से बच रहे हैं।
वहीं किसानों का कहना है कि अब जब बारिश हुई तो जरूरत पड़ने पर केंद्रों पर खाद मौजूद नहीं है। मजबूरी में निजी दुकानों से मनमाने मूल्य पर खाद लेकर काम चलाया जा रहा है। किसानों ने जिम्मेदारों से इसको गम्भीरता से लेते हुए समाधान करने की अपील की है। जिन 11 समितियों ने खाद का वितरण किया है। देखिए उनका विवरण- सहसराव- 531%, बसडीला- 479%, महुआडाबर- 447%, रुधौली- 437%, पीसीएफ पुरैना- 423%, सजनाखोर- 404%, बभनकटास- 392%, उभाई- 334%, पिपरा गौतम- 331%, महराजगंज-270% एवं कप्तानगंज-267% खाद का वितरण दिखाया गया है।
जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि समितियों से अधिक उर्वरक वितरण का मामला प्रकाश में आया है। सहायक निबन्धन सहकारिता से वितरण को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी गई है। जिसके आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
बस्ती से संवाददाता धर्मेन्द्र द्विवेदी की रिपोर्ट