प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा मंगलवार को एलपीजी सुरक्षा पर एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभागीय अधिकारियों, गैस वितरकों, कंपनियों के प्रतिनिधियों और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में सुरक्षा को लेकर कई अहम फैसले लिए गए।
एलपीजी सिलेंडरों की जांच अनिवार्य
महाकुंभ मेले के दौरान एलपीजी सिलेंडरों के इस्तेमाल को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं:
- सिलेंडर की जांच अनिवार्य: तकनीकी सहायकों द्वारा सिलेंडरों की लीक जांच की जाएगी। लीक पाए जाने पर सिलेंडर की आपूर्ति तुरंत रोकी जाएगी।
- उपकरणों का मानक पालन: गैस सिलेंडरों, पाइप और रेगुलेटर की जांच कर, मानकों के अनुसार न होने पर उन्हें बदला जाएगा।
- गैस भंडारण की सीमा: मेला क्षेत्र में अधिकतम 100 किग्रा गैस तक ही भंडारण की अनुमति होगी।
- दुरुपयोग पर सख्ती: घरेलू गैस का दुरुपयोग पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक प्रबंध
योगी सरकार ने महाकुंभ को आग दुर्घटना रहित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- 351 अग्निशमन वाहन तैनात: विभिन्न प्रकार के 351 अग्निशमन वाहनों और 2000 से अधिक प्रशिक्षित कर्मियों को मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है।
- फायर स्टेशन और हाइड्रेंट्स: पूरे मेला क्षेत्र में 50 फायर स्टेशन, 20 फायर पोस्ट और 4,300 फायर हाइड्रेंट लगाए गए हैं।
- फायर फाइटिंग उपकरणों से लैस टेंट: सभी अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग उपकरणों से लैस किया गया है।
- मॉक ड्रिल का आयोजन: एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ दर्जनों मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है, जिससे आपात स्थिति से निपटने की तैयारी सुनिश्चित की जा सके।
सुरक्षा के लिए बड़ा बजट आवंटित
अग्नि सुरक्षा के लिए सरकार ने 131.48 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इसमें विभागीय बजट 64.73 करोड़ और अतिरिक्त 66.75 करोड़ का आवंटन शामिल है। इन धनराशियों से वाहनों और उपकरणों की व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने हर स्तर पर ठोस कदम उठाए हैं। एलपीजी सिलेंडरों की जांच से लेकर अग्निशमन व्यवस्था तक, सभी तैयारियां महाकुंभ को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।