उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार अब महज हर खेत को पानी पहुंचाने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि अब उसका अगला कदम है — “Per Drop More Crop”। इसका उद्देश्य है कि कम पानी में अधिक उत्पादन हो और सिंचाई दक्षता में बड़ा सुधार आए। इसके लिए सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणालियों को तेजी से प्रोत्साहन दे रही है।
कम पानी में अधिक क्षेत्र की सिंचाई के लिए सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र को प्राथमिकता दी है, जहाँ तीन बड़े स्प्रिंकलर आधारित मॉडल प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं —
1. मसगांव-चिल्ली (हमीरपुर)
2. कुलपहाड़ (महोबा)
3. शहजाद (ललितपुर)
ये परियोजनाएं आने वाले समय में राज्यभर के लिए एक मिसाल बनेंगी। खेत-तालाब योजना के तहत बने तालाबों को भी स्प्रिंकलर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे सिंचाई की क्षमता और बढ़ेगी।
ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणाली के कई फायदे हैं—
🔹पानी और ऊर्जा की बचत
🔹बीज और पौधों को जरूरत अनुसार पानी की आपूर्ति
🔹बेहतर अंकुरण और ग्रोथ
🔹असमतल भूमि पर भी प्रभावी उपयोग
🔹फसलों की क्षति में कमी और उपज में वृद्धि
इन्हीं कारणों से सरकार इन प्रणालियों को अपनाने पर 80-90% तक अनुदान दे रही है, जिससे लाखों किसानों ने लाभ उठाया है।
सरकार ने इज़राइल सरकार से साझेदारी कर इस तकनीक को और बेहतर और सुलभ बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इज़राइली राजदूत से मुलाकात के दौरान इस विषय पर चर्चा भी हुई थी। अब राज्य के कुछ Centre of Excellence को इस सहयोग के मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत यूपी सरकार ने बड़ी परियोजनाओं को पूरा कर रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल की है:
🔹सरयू नहर परियोजना
🔹अर्जुन सहायक परियोजना
🔹बाण सागर परियोजना
इनके साथ-साथ कुल 976 परियोजनाएं पूरी या शुरू की गईं, जिससे 48.32 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित हुई और करीब 185 लाख किसान लाभान्वित हुए। प्रदेश में कुल सिंचित क्षेत्र 2017 में 82.58 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 133 लाख हेक्टेयर हो चुका है।
सरकार की नजर भविष्य पर भी है। कई बड़ी परियोजनाएं प्रगति पर हैं:
🔹मध्य गंगा नहर परियोजना (फेज-2)
🔹कनहर सिंचाई परियोजना
🔹रोहिन नदी पर बैराज (महराजगंज)
इनके पूरा होने से 5 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 7 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
बुंदेलखंड की जल समस्या के स्थायी समाधान के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना को प्राथमिकता दी जा रही है।
🔹यह परियोजना झांसी, महोबा, बांदा और ललितपुर के 2.51 लाख हेक्टेयर खेतों को सिंचित करेगी
🔹21 लाख लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध होगा
🔹केंद्र-राज्य में 90:10 के अनुपात में हो रहा है निवेश
🔹प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर इसका शिलान्यास किया था
योगी सरकार का “Per Drop More Crop” अभियान केवल सिंचाई नहीं, बल्कि कृषि उत्पादकता, किसानों की आय, और जल संसाधनों के संरक्षण की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव है। अगर यह रणनीति पूरी तरह सफल होती है, तो उत्तर प्रदेश कृषि के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश कर सकता है।