सीएम योगी के प्रदेश को साल 2025 तक टीबी मुक्त करने के अभियान से अब सरकारी अधिकारी भी जुड़ने लगे हैं। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 125 ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) मरीजों को गोद लेने जा रहे हैं। वह एसजीपीजीआई में शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में होने वाले कार्यक्रम में टीबी मरीजों को गोद लेने के साथ सभी मरीजों को नि:क्षय पोटली वितरित करेंगे।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि सामुदायिक सहभागिता, जागरूकता में वृद्धि और टीबी कार्यक्रम को जनांदोलन बनाने की प्राथमिकता के साथ प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए सूबे की सरकार के प्रयास जारी हैं। सरकार और अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों और प्रयासों के फलस्वरूप, टीबी मुक्त प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे नि:क्षय मित्र के साथ-साथ नि:क्षय पोषण योजना सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं। नि:क्षय पोषण योजना के अंतर्गत, टीबी मरीजों को हर माह पोषण सहायता राशि के रूप में 500 रुपए सीधे उनके खाते में भेजे जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश में 39,151 निक्षय मित्रों के माध्यम से लगभग 3,30,985 टीबी रोगियों की मदद की जा रही है।
प्रमुख सचिव ने आमजन से अपील की कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को जनआन्दोलन बनाते हुए सभी को अपने-अपने सम्बद्ध कार्यालयों / संस्थानों के माध्यम से टीबी जैसे गंभीर रोग के बारे में हर स्तर पर जागरूकता फैलाने के संभव प्रयास करने होंगे।
साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस रोग को हराने के लिए टीबी मरीजों की हर संभव सहायता की जाए। यदि हम सब एक साथ मिलकर सामूहिक प्रयास करें तो टीबी मुक्त प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।