उत्तर प्रदेश में लगातार विकास की राह को और सुदृढ़ बनाने के लिए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट 17,865.72 करोड़ रुपए का है, जिसमें 790.49 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव भी शामिल हैं। यह अनुपूरक बजट राज्य सरकार के द्वारा इस वित्तीय वर्ष में पेश किया गया दूसरा बजट है, जो मूल बजट का 2.42 प्रतिशत है।
इससे पहले 30 जुलाई को योगी सरकार ने 12,209.93 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया था। दोनों अनुपूरक बजट को मिलाकर कुल बजट 7,66,513.36 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में विधानसभा में यह बजट प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस बजट में केंद्रीय योजनाओं के लिए 422.56 करोड़ रुपए का केंद्रांश और आकस्मिक खर्चों के लिए 30 करोड़ 48 लाख रुपए का प्रस्ताव शामिल किया गया है।
इस अनुपूरक बजट के तहत विभिन्न विभागों को उनकी जरूरत के अनुसार राशि आवंटित की गई है। ऊर्जा विभाग को 8,587.27 करोड़ रुपए, वित्त विभाग को 2,438.63 करोड़ रुपए, परिवार कल्याण विभाग को 1,592.28 करोड़ रुपए, पशुधन विभाग को 1,001 करोड़ रुपए और लोकनिर्माण विभाग को 805 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षा विभाग, सूचना विभाग, पंचायती राज विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए भी बजट आवंटित किया गया है।
अनुपूरक बजट तब प्रस्तुत किया जाता है जब सरकार को पहले से स्वीकृत बजट में अतिरिक्त खर्चों की जरूरत महसूस होती है। यह बजट उन खर्चों को कवर करने के लिए होता है जो पहले अनुमानित बजट में शामिल नहीं किए गए थे या जिनकी जरूरत नई परिस्थितियों के चलते उत्पन्न हुई हो।
योगी सरकार का यह कदम विकास को तेज़ी से आगे बढ़ाने और राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उठाया गया है।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav