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योगी सरकार बड़ा ऐक्शन, कई जिलों के खनन अधिकारी सस्पेंड

सचिव भूतत्व एंव खनिकर्म डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार अवैध बालू और मौरंग खनन की शिकायतें मिल रही थी। इस पर गोंडा, गोरखपुर, गाजीपुर, बागपत, श्रावस्ती, रामपुर, महाराजगंज एवं झांसी में लगभग 45 क्षेत्रों की निदेशालय के जांच दल से जांच करायी गयी थी।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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योगी सरकार बड़ा ऐक्शन, कई जिलों के खनन अधिकारी सस्पेंड

योगी सरकार ने अवैध खनन को लेकर अधिकारी के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लिया है। सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त खनन विभाग के तीन अधिकारी समेत चार लोगों को निलंबित कर दिया है। इनमें गोरखपुर के वरिष्ठ खान अधिकारी कमल कश्यप, गाजीपुर के खान अधिकारी अरविन्द कुमार व बागपत के खान अधिकारी हवलदार यादव शामिल है। इनके अलावा गोंडा के खान निरीक्षक सीपी जायसवाल को भी निलंबित किया गया है।

निदेशालय के जांच दल से गोंडा, गोरखपुर, गाजीपुर, बागपत, श्रावस्ती, रामपुर, महाराजगंज एवं झांसी में लगभग 45 क्षेत्रों की औचक जांच कराई गई। इसमें 21 क्षेत्रों में स्वीकृति से अधिक लगभग 72 हजार घन मीटर अवैध बालू का खनन पाया गया। जिन जगहों पर अवैध खनन पाया गया, वहां खनिज परिवहन पर रोक लगा दी गई है।

इनमें संलिप्त गोरखपुर के वरिष्ठ खान अधिकारी, गाजीपुर एवं बागपत के खान अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनके अलावा गोंडा में बालू के अवैध खनन पर खान निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

सचिव भूतत्व एंव खनिकर्म डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार अवैध बालू और मौरंग खनन की शिकायतें मिल रही थी। इस पर गोंडा, गोरखपुर, गाजीपुर, बागपत, श्रावस्ती, रामपुर, महाराजगंज एवं झांसी में लगभग 45 क्षेत्रों की निदेशालय के जांच दल से जांच करायी गयी थी। जिसमें 21 क्षेत्रों में परमीशन से अधिक लगभग 72,000 घन मी. अवैध बालू का खनन पाया गया।

उन्होंने आगे बताया कि जिन जगहों पर अवैध खनन पाया गया, वहां खनिज परिवहन पर रोक लगा दी गयी। साथ ही इनमें संलिप्त गोरखपुर के वरिष्ठ खान अधिकारी, गाजीपुर एवं बागपत के खान अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। इसके अलावा गोंडा में बालू के अवैध खनन पर खान निरीक्षक को निलंबित किया गया।

डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि किसानों के निजी प्रयोग के लिए अपनी भूमि से मिट्टी के खनन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उन्हें केवल माईन मित्रा पोर्टल पर स्वपंजीकरण के आधार पर मिट्टी का उपयोग किये जाने की छूट प्रदान की गयी है। किसानों द्वारा मिट्टी के गैर व्यवसायिक प्रयोग में पुलिस विभाग अथवा खनिज विभाग के कर्मचारियों द्वारा वसूली होती मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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