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UP News : भ्रष्टाचार पर योगी सरकार का बड़ा प्रहार,150 सहायक ऑडिट अफसरों के प्रमोशन रद्द,जाने क्या हैं मामला?

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जबसे राज्य की सत्ता संभाली तबसे उनकी भ्रष्टाचार के प्रति हमेशा से जीरो टॉलरेंस की नीति रही है।उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति एक्शन मोड में है।इसी क्रम में सीएम योगी का हथौड़ा ऑडिट विभाग पर चला है। वित्त विभाग के निदेशक द्वारा 31 दिसंबर 2024 को जारी किए गए प्रमोशन आदेश को शासन ने निरस्त कर दिया है।

By: Desk Team  RNI News Network
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UP News : भ्रष्टाचार पर योगी सरकार का बड़ा प्रहार,150 सहायक ऑडिट अफसरों के प्रमोशन रद्द,जाने क्या हैं मामला?

UP News : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जबसे राज्य की सत्ता संभाली तबसे उनकी भ्रष्टाचार के प्रति हमेशा से जीरो टॉलरेंस की नीति रही है।उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति एक्शन मोड में है।इसी क्रम में सीएम योगी का हथौड़ा ऑडिट विभाग पर चला है। वित्त विभाग के निदेशक द्वारा 31 दिसंबर 2024 को जारी किए गए प्रमोशन आदेश को शासन ने निरस्त कर दिया है। इस आदेश के तहत, सीनियर ऑडिटर से सहायक लेखा अधिकारी बने 150 कर्मचारियों के प्रमोशन को रद्द कर दिया गया। इस कदम से राज्य की सत्ता में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर त्वरित कार्यवाई के रूप में देखा जा रहा हैं।

प्रमोशन आदेश की पृष्ठभूमि और रद्द होना

गौरतलब हैं कि 31 दिसंबर 2024 को वित्त विभाग के निदेशक ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत सीनियर ऑडिटर के 150 कर्मचारियों को सहायक लेखा अधिकारी के पद पर प्रमोट कर दिया था। यह आदेश कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया था, क्योंकि इससे उन्हें बेहतर वेतन और पदोन्नति मिली थी। लेकिन इस प्रमोशन के बाद कई शिकायतें सामने आईं कि यह प्रमोशन नियमों की अनदेखी,भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता की वजह से हुआ था।16 जनवरी 2025 से लागू हुआ था, लेकिन चार दिन बाद 20 जनवरी को इसे निरस्त कर दिया गया।

वित्त विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायते

भ्रष्टाचार की शिकायतें वित्त विभाग में प्रमोशन की लगातार आ रही थीं।आरोप था कि कुछ कर्मचारियों को बिना किसी योग्यता, नियमों की अनदेखी करके प्रमोट किया गया और इसके बदले उन्हें रिश्वत दी गई। यह शिकायतें कई स्तरों पर पहुंची और जब सरकार को इस बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की और प्रमोशन आदेश को निरस्त कर दिया। राज्य सरकार ने आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं और उच्च अधिकारियों को इस मामले की गहन समीक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि वे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

कामकाजी माहौल पर नकारात्मक असर

इस फैसले ने न केवल प्रमोट हुए कर्मचारियों को प्रभावित किया, बल्कि वित्त विभाग के कामकाजी माहौल पर भी असर डाला है। कर्मचारियों में असंतोष और गुस्सा है क्योंकि उनकी मेहनत को गलत तरीके से नजरअंदाज किया गया है। वहीं, कुछ अधिकारी यह मानते हैं कि यदि प्रमोशन सही तरीके से हुआ होता तो विभाग का मनोबल ऊंचा रहता।

आगे क्या होगा?

राज्य सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रकरण की पत्रावली शासन द्वारा मंगा ली गई है. ऐसे में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है साथ ही एक विशेष जांच समिति भी गठित की है, जो इस मामले की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी कहा कि वे भविष्य में ऐसे मामलों को लेकर अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने का प्रयास करेंगे ताकि कर्मचारियों को उनके अधिकारों के अनुसार प्रमोशन मिल सके।

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