उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मदरसा शिक्षा व्यवस्था की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि अब मदरसों की मान्यता केवल धार्मिक शिक्षा के आधार पर नहीं दी जाएगी, बल्कि अवस्थापना मानकों, आधुनिक शिक्षा के समावेश, और पारदर्शिता के आधार पर दी जाएगी। सीएम ने निर्देश दिया कि मदरसा विद्यार्थियों को आधुनिक विषयों का लाभ मिलना चाहिए और शिक्षा को रोजगारपरक बनाया जाना चाहिए।
नवाचार और समावेशिता पर आधारित शिक्षा होगी प्राथमिकता
सीएम योगी ने कहा: “हमारा उद्देश्य केवल सुधार नहीं, बल्कि नवाचार और समावेशिता के माध्यम से मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा में लाना है।” इसी के साथ अब मदरसों में SCERT आधारित पाठ्यक्रम, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और हिंदी जैसे आधुनिक विषयों को भी पढ़ाया जाएगा।
मदरसा शिक्षा में गिरती परीक्षा उपस्थिति चिंताजनक
- वर्ष 2016 में बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित छात्र: 4,22,627
- वर्ष 2025 में घटकर: 88,082
सीएम योगी ने इसे विचारणीय बताते हुए शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की रुचि बढ़ाने के निर्देश दिए।
महत्वपूर्ण आंकड़े और जानकारी
- प्रदेश में कुल मान्यता प्राप्त मदरसे: 13,329
- छात्र-छात्राओं की संख्या: 12,35,400
- राज्य अनुदानित मदरसे: 561
- अनुदानित छात्रों की संख्या: 2,31,806
शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी:
- शिक्षक: 9,889
- कर्मचारी: 8,367
मदरसा पोर्टल से आई पारदर्शिता
- अगस्त 2017 से मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन प्रक्रिया लागू
- अब तक 19,123 मदरसों का पंजीकरण, जिनमें से 13,329 सत्यापित
- परीक्षाएं, प्रमाणपत्र, वेरिफिकेशन, यू-डाइस एकीकरण सब ऑनलाइन
सीएम के निर्देश और भावी कार्य योजना
1. निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण की अध्यक्षता में समिति गठित
2. स्कूलों जैसे मानक और नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम
3. शिक्षकों की अर्हता और चयन प्रक्रिया में बदलाव
4. मदरसा शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक बनाने पर जोर
5. पाठ्यक्रम में धर्मशास्त्र, अरबी-फारसी के साथ आधुनिक विषयों का समावेश